अपने जीवन काल में मनुष्य को अनेक यात्राओं का अनुभव होता है/ कुछ यात्राएं लोग सुख व मनोरंजन के लिए करते हैं तो कुछ आवश्यकता -परक होती हैं/
मेरी यात्रा मनोरंजन व आवश्यकता का मिश्रित रूप थी जब मुझे रेलवे ग्रुप डी की लिखित परीक्षा के लिए देहरादून जाना पड़ा था/ मेरी परीक्षा 26 सितंबर 2018 को थी, इसलिए मैंने 25 सितंबर की रात को गंतव्य स्थान देहरादून के लिए ट्रेन पकड़ी / मेरे साथ मेरा भाई भी था/ ट्रेन में अत्यधिक भीड़ होने के कारण सीट नहीं मिल पाई और फिर पूरा सफर खड़े होकर ही तय करना पड़ा/ इसलिए हम दोनों काफी थक गए थे/
देहरादून पहुंचकर हमने प्लेटफार्म पर आराम किया उसके बाद फ्रेश होकर नाश्ता किया और परीक्षा केंद्र के लिए ऑटो पकड़ा/ परीक्षा समाप्त होने के बाद हम दोनों भाई स्टेशन पर आ गए /यहीं हमने दोपहर का खाना भी खाया /मैं स्टेशन पर पूछताछ के लिए गया तो पता चला कि मुरादाबाद के लिए ट्रेन रात 9:00 बजे है, तब हमने सोचा क्यों न नहीं कहीं घूमा जाये--
"सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहां"
हम दोनों भाइयों ने मसूरी जाने का निर्णय लिया और बस पकड़कर 'पर्वतों की रानी' कही जाने वाली मसूरी के लिए निकल पड़े/ मैंने सहयात्रियों से पता किया तो मालूम हुआ कि मेरा गंतव्य स्थान देहरादून बस स्टैंड से 35 किलोमीटर दूर है/अभी हम 5 किलोमीटर ही चले होंगे ताजगी से भरी हवाएं महसूस होने लगीं/ हमारी बस घुमावदार रास्तों से ऊपर की ओर बढ़ती चली जा रही थी /थकान के बावजूद मुझे यह पर्वतीय यात्रा बहुत सुखद लग रही थी/ शहर की भीड़भाड़ व कृत्रिमता से दूर प्रकृति का वास्तविक आनंद मुझे पुलकित कर रहा था / दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली नजर आ रही थी / बस से नीचे की ओर फैली गहरी घाटियों को देख कर मन सिहर उठा था/ घुमावदार रास्तों पर इधर-उधर लुढकते हुए हम मसूरी पहुंचे/
पहाड़ों पर बड़े-बड़े होटल, दुकाने, भवन बसे देखकर मैं तो हैरान रह गया/ वहां का नजारा आज भी मुझे याद आता है/ नीचे की ओर देखने पर नीचे की ओर देखने पर घाटियों में बादल इस प्रकार नजर आ रहे थे कि मानो हम आसमान से भी ऊपर आ गए हों/ एक सहयात्री ने बताया कि आगे 15 किलोमीटर ऊपर एक झरना है जिसका नाम केंपटी फॉल था/ वहां जाकर देखा एक की एक विशाल झरना घाटी में गिर रहा है घाटी में उतरने के लिए सीढ़ियां थी सीढ़ियों से उतर कर हम झरने के पास पहुंचे झरने के पास जल प्रवाह के साथ ठंडी हवा और फुहार चारों तरफ फैल रही थी और गिरते पानी की आवाज मन को मोह रही थी/
वहां झरने में नहाने की व्यवस्था भी थी/ हमने कपड़े उतारे और नहाने लगे/ हमें पहली बार किसी झरने में नहाने का अवसर प्राप्त हुआ था/ झरने का पानी अत्यधिक ठंडा था जिस कारण हम झरने में ज्यादा देर तक नहीं नहा पाए/ नीचे की ओर झरने के पास कई छोटे-छोटे रिसॉर्ट्स और तालाब बनाए गए थे जिनमें वोटिंग की व्यवस्था थी/ वहां का दृश्य अत्यंत मनमोहक था/ पहाड़ों की ढलान हरे-भरे वनों से ढकी हुई थी/ वहां हमने कुछ फोटो खींचे और कुछ समय तक हमने उन घाटियों का आनंद लिया तभी किसी दुकानदार ने बताया की वहां से देहरादून के लिए आखिरी बस का समय हो गया है/ इसलिए हम जल्दी से सीढ़ियों के द्वारा घाटी से ऊपर आ गये/ अभी हमें आए हुए 10 मिनट ही हुए होंगे किस बस आ गई और हम बस में बैठ गए और फिर हम घुमावदार रास्तों पर इधर उधर लुढकते हुए देहरादून पहुचे और वहां से ट्रेन पकड़ कर घर आ गए/
मेरी यह पर्वतीय यात्रा अविस्मरणीय है/ मैंने निश्चय किया है कि जब कभी मौका मिलेगा तो मैं अपने परिवार के साथ वहां अवश्य जाऊंगा/
देहरादून पहुंचकर हमने प्लेटफार्म पर आराम किया उसके बाद फ्रेश होकर नाश्ता किया और परीक्षा केंद्र के लिए ऑटो पकड़ा/ परीक्षा समाप्त होने के बाद हम दोनों भाई स्टेशन पर आ गए /यहीं हमने दोपहर का खाना भी खाया /मैं स्टेशन पर पूछताछ के लिए गया तो पता चला कि मुरादाबाद के लिए ट्रेन रात 9:00 बजे है, तब हमने सोचा क्यों न नहीं कहीं घूमा जाये--
"सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहां"
हम दोनों भाइयों ने मसूरी जाने का निर्णय लिया और बस पकड़कर 'पर्वतों की रानी' कही जाने वाली मसूरी के लिए निकल पड़े/ मैंने सहयात्रियों से पता किया तो मालूम हुआ कि मेरा गंतव्य स्थान देहरादून बस स्टैंड से 35 किलोमीटर दूर है/अभी हम 5 किलोमीटर ही चले होंगे ताजगी से भरी हवाएं महसूस होने लगीं/ हमारी बस घुमावदार रास्तों से ऊपर की ओर बढ़ती चली जा रही थी /थकान के बावजूद मुझे यह पर्वतीय यात्रा बहुत सुखद लग रही थी/ शहर की भीड़भाड़ व कृत्रिमता से दूर प्रकृति का वास्तविक आनंद मुझे पुलकित कर रहा था / दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली नजर आ रही थी / बस से नीचे की ओर फैली गहरी घाटियों को देख कर मन सिहर उठा था/ घुमावदार रास्तों पर इधर-उधर लुढकते हुए हम मसूरी पहुंचे/
पहाड़ों पर बड़े-बड़े होटल, दुकाने, भवन बसे देखकर मैं तो हैरान रह गया/ वहां का नजारा आज भी मुझे याद आता है/ नीचे की ओर देखने पर नीचे की ओर देखने पर घाटियों में बादल इस प्रकार नजर आ रहे थे कि मानो हम आसमान से भी ऊपर आ गए हों/ एक सहयात्री ने बताया कि आगे 15 किलोमीटर ऊपर एक झरना है जिसका नाम केंपटी फॉल था/ वहां जाकर देखा एक की एक विशाल झरना घाटी में गिर रहा है घाटी में उतरने के लिए सीढ़ियां थी सीढ़ियों से उतर कर हम झरने के पास पहुंचे झरने के पास जल प्रवाह के साथ ठंडी हवा और फुहार चारों तरफ फैल रही थी और गिरते पानी की आवाज मन को मोह रही थी/
वहां झरने में नहाने की व्यवस्था भी थी/ हमने कपड़े उतारे और नहाने लगे/ हमें पहली बार किसी झरने में नहाने का अवसर प्राप्त हुआ था/ झरने का पानी अत्यधिक ठंडा था जिस कारण हम झरने में ज्यादा देर तक नहीं नहा पाए/ नीचे की ओर झरने के पास कई छोटे-छोटे रिसॉर्ट्स और तालाब बनाए गए थे जिनमें वोटिंग की व्यवस्था थी/ वहां का दृश्य अत्यंत मनमोहक था/ पहाड़ों की ढलान हरे-भरे वनों से ढकी हुई थी/ वहां हमने कुछ फोटो खींचे और कुछ समय तक हमने उन घाटियों का आनंद लिया तभी किसी दुकानदार ने बताया की वहां से देहरादून के लिए आखिरी बस का समय हो गया है/ इसलिए हम जल्दी से सीढ़ियों के द्वारा घाटी से ऊपर आ गये/ अभी हमें आए हुए 10 मिनट ही हुए होंगे किस बस आ गई और हम बस में बैठ गए और फिर हम घुमावदार रास्तों पर इधर उधर लुढकते हुए देहरादून पहुचे और वहां से ट्रेन पकड़ कर घर आ गए/
मेरी यह पर्वतीय यात्रा अविस्मरणीय है/ मैंने निश्चय किया है कि जब कभी मौका मिलेगा तो मैं अपने परिवार के साथ वहां अवश्य जाऊंगा/